Nancy Pelosi Taiwan Visit: अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पूरी हो गई है। करीब 17 घंटे ताइवान में रहने के बाद वे दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो गई हैं। दिनभर से चीन गुस्साया हुआ है। ताजा खबर यह है कि क्या चीन किसी भी समय ताइवान पर हमला कर सकता है? स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह आशंका जताई जा रही है। हालांकि ताइवान की आर्मी ने इन अफवाहों का खंडन किया कि चीन ने मिसाइल से हमला किया है। वहीं सुबह से खबरें आ रही हैं कि चीन ने ताइवान को सब तरफ से घेर लिया है।
इससे पहले भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह पेलोसी ने ताइवान की राष्ट्रपति से मुलाकात की। नीचे देखिए वीडियो। इस दौरान ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा, अमेरिकी स्पीकर पेलोसी वास्तव में ताइवान के सबसे अच्छे मित्रों में से एक हैं। ताइवान की यह यात्रा करने के लिए हम आपके आभारी हैं। अमेराका और ताइवान पुराने दोस्त हैं। चीन और अमेरिका की तनातनी पर अब अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। उत्तर कोरिया ने जहां चीन का समर्थन किया है। वहीं जापान ने तनाव के बीच चीन द्वारा किए जा रहे युद्धाभ्यास पर चिंता जाहिर की है।
नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पहली प्रतिक्रिया आ गई है। शी ने कहा है, हमने अपनी आंखें खुली रखी हैं। हम दुनिया को खुली आंखों से देख रहे हैं ताकि अमेरिका या उसके समर्थक देशों से आने वाली उकसावे का पता लग सके। वहीं चीनी सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि अमेरिका लोकतंत्र की आड़ में उसकी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है। ‘अपराधियों’ को सजा दी जाएगी।
चीन ने ताइवान पर लगाए प्रतिबंध
चीन के महावाणिज्यदूत लिबिजियन ने बताया कि ताजा घटनाक्रम के बाद चीन ने ताइवान पर प्रतिबंध लगाए है। अब चीन कई चीजों की आपूर्ति नहीं करेगा, इनमें फल और जमे हुए हॉर्स मैकेरल भी शामिल हैं।
#WATCH | Taiwan: US House Speaker Nancy Pelosi meets President of Taiwan Tsai Ing-wen in Taipei pic.twitter.com/i7zVHUsOYx
— ANI (@ANI) August 3, 2022
एक्शन में चीनी सेना, सीमा पर जारी युद्धाभ्यास
चीन की सेना एक्शन में आई और पेलोसी जैसे ही ताइवान पहुंचीं, चीनी सेना ताइवान जलडमरूमध्य की ओर बढ़ गई। चीनी सुखोई-35 लड़ाकू विमानों ने भी ताइवान जलडमरूमध्य को पार किया। यह जलडमरूमध्य ताइवान को मुख्य भूमि चीन से अलग करता है। वहीं अमेरिका ने भी अपने यूएसएस रोनाल्ड रीगन और अन्य युद्धपोतों को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और फिलीपींस सागर में भी तैनात कर दिया है। लड़ाकू विमानों को भी अलर्ट पर रखा गया है। इसके साथ ही दुनियाभर में यह आशंका उठी है कि क्या अमेरिका और चीन के बीच सैन्य टकराव होगा? क्या यही तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत है?
Also Read: India Still Fastest Growing Economy, No Sign Of Recession: FM On Price Rise Defence
Nancy Pelosi Taiwan Visit: जानिए ताइवान क्या है अमेरिका का रुख
ताइपे पहुंचने के बाद पेलोसी ने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का दौरा ताइवान के जीवंत लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए अमेरिका की अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान है। उनसे पहले अमेरिकी संसद के कई प्रतिनिधिमंडल ताइवान का दौरा कर चुके हैं। उनका दौरा अमेरिकी नीतियों के खिलाफ नहीं है। अमेरिका चाहता है कि ताइवान की स्वतंत्रता की पुष्टि करते हुए सभी लोकतंत्रों का सम्मान किया जाना चाहिए। यह हिंद-प्रशांत में हमारा महत्वपूर्ण भागीदार है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया को निरंकुशता और लोकतंत्र में से किसी एक को चुनना है।
चीन दावा करता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है। वह विदेशी अधिकारियों के ताइवान दौरे का विरोध करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह द्वीप क्षेत्र को संप्रभु के रूप में मान्यता देने के समान है।
Nancy Pelosi Taiwan Visit: जानिए क्यों भड़का चीन
पेलोसी के ताइवान पहुंचने के तुरंत बाद चीन ने कहा कि इस यात्रा का अमेरिका के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। इससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को भी खतरा होगा। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका पर धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ताइवान के मुद्दे पर कुछ अमेरिकी नेता आग से खेल रहे हैं, जिसका परिणाम निश्चित रूप से अच्छा नहीं होगा। 26 अमेरिकी रिपब्लिकन सांसदों ने पेलोसी की यात्रा का समर्थन करते हुए कहा है कि उन्हें यात्रा करने का पूरा अधिकार है। यह किसी भी तरह से भड़काऊ कार्रवाई नहीं है।